करूर में अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी तमिलगा वेत्रि कझगम (TVK) की सभा में हुई भगदड़ के बाद पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। इस हादसे में 41 लोगों की मौत हुई थी। अब पुलिस ने पार्टी के जिला सचिव मथियालगन को गिरफ्तार कर लिया है। FIR में पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम भी दर्ज हैं।
मुख्य तथ्य
- करूर जिले में विजय की सभा में भगदड़, 41 लोगों की मौत (18 महिलाएं, 10 बच्चे शामिल)।
- पुलिस ने TVK जिला सचिव मथियालगन को किया गिरफ्तार।
- FIR में राज्य महासचिव ‘बुसी’ आनंद और उप महासचिव निर्मल कुमार के नाम भी।
- आरोप: 10,000 लोगों की अनुमति के बावजूद 25,000 से ज्यादा भीड़ इकट्ठा हुई।
- विजय की देरी, असंगठित रोड शो और टिन शेड गिरने से हालात बिगड़े।
तमिलनाडु के करूर में अभिनेता-राजनीतिज्ञ विजय की पार्टी तमिलगा वेत्रि कझगम (TVK) के कार्यक्रम में हुई भगदड़ ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। शनिवार रात हुए इस हादसे में 41 लोगों की जान गई, जिनमें 18 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल थे। अब पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए पार्टी के करूर जिला सचिव मथियालगन को गिरफ्तार कर लिया है।
FIR में साफ तौर पर कहा गया है कि सभा के आयोजकों ने कानून और प्रशासन की चेतावनियों को नजरअंदाज किया। कार्यक्रम के लिए सिर्फ 10,000 लोगों की अनुमति दी गई थी, लेकिन वहां करीब 25,000 से ज्यादा लोग पहुंचे। विजय के तय समय से देर से पहुंचने और रास्ते में बिना अनुमति कई रोड शो करने से भीड़ बेकाबू हो गई। जब वह शाम 7 बजे वेलुचामिपुरम जंक्शन पहुंचे, तब हजारों लोग पहले से तंग जगह में फंसे हुए थे।
पुलिस ने आरोप लगाया कि TVK नेताओं ने स्थिति संभालने की बजाय और भीड़ को उत्साहित करने वाले कदम उठाए। पार्टी कार्यकर्ताओं को टिन शेड और पेड़ों पर चढ़ने दिया गया, जिससे हालात और बिगड़ गए। जैसे ही शेड गिरा और पेड़ टूटा, लोग नीचे खड़े जनसमूह पर गिर पड़े। इससे लोगों में दम घुटने, गंभीर चोटें और मौतें हुईं।
इसके अलावा, पुलिस ने तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया है जिन्होंने सोशल मीडिया पर इस भगदड़ को लेकर अफवाहें फैलाईं। FIR में आयोजकों पर गैर-इरादतन हत्या, हत्या का प्रयास, दूसरों की जान खतरे में डालने और कानून का उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
इस पूरे हादसे ने न केवल विजय की पार्टी बल्कि पूरे तमिलनाडु की राजनीति को हिला दिया है। हालांकि FIR में विजय का नाम शामिल नहीं है, लेकिन उनके कार्यक्रम प्रबंधन को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।


