भारत पर दबाव, हमें व्यापार सुरक्षित रखना होगा”: क्रेमलिन

पुतिन की भारत यात्रा से पहले रूस ने कहा—S-400, Su-57, SMR तकनीक और लेबर मोबिलिटी एग्रीमेंट पर होगी चर्चा; US दबाव पर भी खुलकर बोला क्रेमलिन।

newsdaynight
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भारत–रूस व्यापार और दबाव पर क्रेमलिन का बयान

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 4–5 दिसंबर की भारत यात्रा से पहले क्रेमलिन ने साफ संकेत दिया है कि दोनों देशों के बीच रक्षा, रणनीतिक और ऊर्जा साझेदारी को मजबूत करने पर जोर रहेगा। रूसी प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि भारत पर “अंतरराष्ट्रीय दबाव” मौजूद है, लेकिन दोनों देशों को अपने व्यापार और संबंधों को “तीसरे देशों के प्रभाव से सुरक्षित” रखना होगा।

मुख्य तथ्य

  • रूस: “भारत पर दबाव साफ दिखता है, हमें द्विपक्षीय व्यापार सुरक्षित रखना होगा।”
  • पुतिन–मोदी बैठक में S-400, Su-57, SMR न्यूक्लियर रिएक्टर और लेबर मोबिलिटी समझौते पर चर्चा।
  • रूस ने कहा—“भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा में बेहद सक्षम, हम इसे सम्मान करते हैं।”
  • तेल व्यापार पर तीसरे देशों के दबाव का जिक्र; वैकल्पिक भुगतान प्रणालियों पर बातचीत।
  • यूक्रेन युद्ध पर भारत की “शांतिपूर्ण समाधान” की भूमिका की रूस ने सराहना की।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले, क्रेमलिन ने भारत के साथ अपने संबंधों को “गहराई से सुरक्षित और स्वतंत्र” बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया है। रूसी प्रवक्ता और पुतिन के उप-स्टाफ प्रमुख, दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव है, लेकिन दोनों देशों को अपने व्यापार, रक्षा सहयोग और रणनीतिक हितों को किसी “तीसरे देश के प्रभाव” से बचाकर आगे बढ़ना होगा।

US की 25% टैरिफ चेतावनी और भारत–रूस व्यापार

मीडिया से बातचीत में पेस्कोव ने अमेरिका द्वारा भारतीय तेल खरीद पर 25% पेनल्टी टैरिफ की धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
यह भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय मामला है। हमें यह देखना है कि हम भारत के साथ अपना व्यापार कैसे बढ़ाएँ और किसी को भी इसमें हस्तक्षेप न करने दें।”

उन्होंने कहा कि दोनों देश एक ऐसा संबंध ढांचा बना रहे हैं जिसमें
संप्रभुता, आर्थिक सहयोग, और रणनीतिक स्वतंत्रता मुख्य भूमिका निभाएगी।

पेस्कोव ने यह भी कहा कि भारत “अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा में अत्यंत सक्षम है” और रूस इस संप्रभुता का सम्मान करता है।

तेल व्यापार पर दबाव के बावजूद सहयोग जारी

पेस्कोव ने स्वीकार किया कि पश्चिमी देशों के दबाव के कारण कुछ कंपनियाँ रूसी तेल खरीद कम कर रही हैं, लेकिन कई कंपनियाँ खरीद बढ़ा भी रही हैं।
उन्होंने कहा:
प्रणाली लचीली है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जो देश हमारे तेल खरीदना चाहते हैं, उनके अधिकार सुरक्षित रहें।”

भुगतान के वैकल्पिक तरीकों पर उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया लेकिन माना कि
दो देशों के बीच या बहुपक्षीय स्तर पर ऐसी प्रणालियाँ बनाने पर चर्चा जारी है जो पश्चिमी प्रतिबंधों से अप्रभावित रहें।

S-400 और Su-57 पर भारत–रूस वार्ता

पेशकोव ने बताया कि भारत की आवश्यकताओं को देखते हुए रक्षा सहयोग यात्रा का बड़ा हिस्सा होगा।
उन्होंने कहा:
“Su-57 दुनिया का सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमान है। निश्चित तौर पर इस पर बातचीत होगी।”

इसके साथ ही S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति और भविष्य की खपत पर भी उच्च-स्तरीय चर्चा की उम्मीद है।

छोटे न्यूक्लियर रिएक्टर (SMR) पर रूस तैयार

पेस्कोव ने पुष्टि की कि रूस भारत को छोटे और अत्याधुनिक Small Modular Reactors (SMR) देने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि रूस के शीर्ष परमाणु तकनीक अधिकारी इस प्रस्ताव को लेकर भारत आ रहे हैं।

भारत में कोयला निर्भरता को घटाने और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए यह तकनीक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

लेबर मोबिलिटी समझौता भी एजेंडा में

रूस ने पहली बार संकेत दिया कि भारत–रूस लेबर मोबिलिटी एग्रीमेंट पर बातचीत चल रही है। यह समझौता भारतीय कामगारों के रूस में वैध प्रवेश और रोजगार के नए अवसरों का रास्ता खोल सकता है।

यूक्रेन युद्ध पर भारत की भूमिका की प्रशंसा

पेस्कोव ने कहा:
हम सराहना करते हैं कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान में योगदान देने को तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी की स्थिति संतुलित और परिपक्व है।”

उन्होंने यह भी कहा कि रूस यूरोप से संवाद नहीं कर रहा क्योंकि बातचीत का माहौल नहीं है, लेकिन भारत की तत्परता संवाद को सार्थक बनाती है।

भारत–चीन–रूस संबंधों पर भी बात

उन्होंने कहा कि चीन और भारत दोनों रूस के “प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनर” हैं, और रूस दोनों के साथ बिना सीमा के सहयोग बढ़ाना चाहता है।
उन्होंने विश्वास जताया कि भारत और चीन अपने विवादों का समाधान “दुनिया के सबसे पुराने और बुद्धिमान देशों की तरह” कर लेंगे।

 

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