मुख्य तथ्य
- मेसी ने 72वें मैच के साथ इवान हर्टाडो का रिकॉर्ड बराबर किया।
- वर्ल्ड कप क्वालिफायर में अब तक के सर्वाधिक 36 गोल दागे।
- अर्जेंटीना के लिए अब कुल 114 गोल, जो राष्ट्रीय रिकॉर्ड है।
- विश्व स्तर पर वर्ल्ड कप क्वालिफायर गोल में अली दाई की बराबरी की।
- ब्यूनस आयर्स में यह मैच मेसी के करियर का भावुक पड़ाव माना जा रहा है।
अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में शुक्रवार की रात फुटबॉल इतिहास का एक और सुनहरा अध्याय लिखा गया। फीफा वर्ल्ड कप क्वालिफायर मुकाबले में अर्जेंटीना ने वेनेज़ुएला का सामना किया और इस मैच ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। वजह थी लियोनल मेसी, जिन्होंने अपने करियर में एक और ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया।
38 वर्षीय मेसी ने कोलंबिया के दिग्गज डिफेंडर इवान हर्टाडो के 72 मैचों के रिकॉर्ड की बराबरी की। इस तरह, अब मेसी और हर्टाडो दोनों सबसे ज्यादा CONMEBOL वर्ल्ड कप क्वालिफायर मैच खेलने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। लेकिन यह तो बस शुरुआत थी।
पहले हाफ में मेसी ने अर्जेंटीना के लिए पहला गोल दागा और फिर दूसरे हाफ में एक और गोल कर अपनी टीम की बढ़त मजबूत कर दी। इस तरह उन्होंने न केवल जीत सुनिश्चित की, बल्कि अपने नाम एक और बड़ा रिकॉर्ड दर्ज कर लिया। अब मेसी के पास वर्ल्ड कप क्वालिफायर में कुल 36 गोल हैं, जो दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र में सर्वाधिक है। इससे पहले भी यह रिकॉर्ड उन्हीं के नाम था, और अब उन्होंने खुद को ही पीछे छोड़ते हुए एक नई ऊंचाई छू ली।
मेसी का प्रभुत्व सिर्फ गोल तक सीमित नहीं है। अर्जेंटीना के लिए उन्होंने अब तक कुल 114 गोल किए हैं, जिससे वे देश के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ स्कोरर बने हुए हैं। साथ ही, वे दक्षिण अमेरिकी क्वालिफायर में चौथे सबसे सफल असिस्ट प्रदाता भी हैं।
दुनिया के रिकॉर्ड्स की बात करें तो मेसी अब ईरान के अली दाई की बराबरी पर पहुंच गए हैं। अली दाई के पास भी वर्ल्ड कप क्वालिफायर में गोलों की समान संख्या है।
आंकड़ों के मुताबिक, मेसी ने 72 मैचों में 36 गोल किए और अपने करियर का कुल आंकड़ा अब 879 गोल तक पहुंचा दिया है। उनका यह कारनामा दर्शाता है कि वे सिर्फ अर्जेंटीना ही नहीं, बल्कि पूरे फुटबॉल जगत के लिए एक अद्वितीय सितारे हैं।
इस मैच को मेसी ने खुद भी “बहुत खास” बताया। उन्होंने संकेत दिए कि यह अर्जेंटीना में उनका आखिरी आधिकारिक मैच हो सकता है। यही वजह थी कि पूरा माहौल भावनाओं से भरा हुआ था। स्टेडियम में मौजूद दर्शकों के लिए यह रात यादगार बन गई, जिसने शायद आखिरी बार अर्जेंटीना की धरती पर अपने हीरो को चमकते देखा।