मुख्य तथ्य
- अमेरिका ने भारतीय सामान पर 50% तक आयात शुल्क दोगुना किया।
- मोदी ने कहा: भारत में है राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता, पारदर्शिता और नीति की भविष्यवाणी।
- JETRO रिपोर्ट: 80% जापानी कंपनियां भारत में विस्तार चाहती हैं, 75% को हो रहा है मुनाफा।
- जापान ने अब तक भारत में 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया।
- मोदी की 2-दिवसीय जापान यात्रा का मकसद रिश्तों को नई ऊंचाई देना है।
टोक्यो में भारत-जापान आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आज भारत में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता, नीति में पारदर्शिता और भविष्यवाणी की क्षमता है। मोदी ने यह भरोसा भी दिलाया कि भारत बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने दो दिन पहले भारतीय सामानों पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत तक दोगुना कर दिया है। अमेरिकी सरकार ने इसका कारण भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद को बताया। विशेषज्ञों के अनुसार, इस कदम से भारत की आर्थिक वृद्धि और रोजगार पर असर पड़ सकता है।
भारत की विकास यात्रा
मोदी ने कहा कि भारत में पूंजी केवल बढ़ती नहीं, बल्कि गुणा भी होती है। उन्होंने पिछले 11 वर्षों में हुए आर्थिक बदलावों को रेखांकित करते हुए कहा, “हमारा योगदान वैश्विक GDP में 18% है और हमारे बाजार लगातार मजबूत रिटर्न दे रहे हैं। हमारे ‘Reform, Perform और Transform’ के दृष्टिकोण ने इस प्रगति को आगे बढ़ाया है।”
उन्होंने आगे बताया कि जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (JETRO) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 80% जापानी कंपनियां अपना व्यापार विस्तार करना चाहती हैं और 75% कंपनियां यहां मुनाफा कमा रही हैं।
भारत-जापान साझेदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-जापान साझेदारी को “रणनीतिक और स्मार्ट” करार दिया। उन्होंने कहा कि आर्थिक तर्क के आधार पर दोनों देशों ने साझा हितों को साझा समृद्धि में बदला है। मोदी ने भारत को जापानी बिजनेस के लिए ग्लोबल साउथ का स्प्रिंगबोर्ड बताया और कहा कि दोनों मिलकर एशियाई सदी को स्थिरता, विकास और समृद्धि का प्रतीक बनाएंगे।
मोदी ने बताया कि मेट्रो से लेकर मैन्युफैक्चरिंग, सेमीकंडक्टर से लेकर स्टार्टअप तक जापान ने भारत के विकास सफर में हमेशा अहम भूमिका निभाई है। अब तक जापानी कंपनियां भारत में 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर चुकी हैं। सिर्फ पिछले दो सालों में ही करीब 13 अरब डॉलर का निजी निवेश आया है।
सुधार और निवेश के अवसर
मोदी ने कहा कि 2017 में भारत ने वन नेशन वन टैक्स (GST) लागू किया, जिससे व्यापार आसान हुआ। साथ ही, सरकार ने Ease of Doing Business को प्राथमिकता देते हुए सिंगल विंडो अप्रूवल जैसे कदम उठाए हैं।
मोदी की जापान यात्रा
यह यात्रा पीएम मोदी की लगभग सात साल बाद जापान की पहली स्टैंडअलोन यात्रा है। वह यहां 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे हैं। जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के आमंत्रण पर हुई इस यात्रा के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा करेंगे और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।