मोदी-माक्रों वार्ता: यूक्रेन संघर्ष पर शांति और स्थिरता पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल माक्रों ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों पर चर्चा की।

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पीएम मोदी और माक्रों की एक महीने में दूसरी बातचीत, यूक्रेन संघर्ष पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल माक्रों से बातचीत की, जिसमें दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस संबंधों की प्रगति की समीक्षा की और यूक्रेन संघर्ष पर विचार साझा किए। इस बातचीत के दौरान शांति और स्थिरता पर खास जोर दिया गया।

मुख्य तथ्य

  • पीएम मोदी और राष्ट्रपति माक्रों ने द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की।
  • दोनों नेताओं ने यूक्रेन संघर्ष को जल्द समाप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।
  • हाल ही में यूरोपीय आयोग प्रमुख ने भी मोदी से यूक्रेन मुद्दे पर बात की थी।
  • मोदी नियमित रूप से पुतिन और जेलेंस्की से संपर्क में रहते हैं।
  • यह मोदी और माक्रों की एक महीने में दूसरी बातचीत थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल माक्रों के बीच हालिया बातचीत में यूक्रेन युद्ध और वैश्विक शांति पर विशेष ध्यान दिया गया। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करते हुए इस बात पर सहमति जताई कि भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी वैश्विक शांति और स्थिरता में अहम भूमिका निभाती रहेगी।

मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, राष्ट्रपति माक्रों के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। हमने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की और अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।” उन्होंने आगे कहा, यूक्रेन संघर्ष को जल्द समाप्त करने के प्रयासों पर चर्चा हुई। भारत-फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी विश्व शांति और स्थिरता में अहम योगदान देती रहेगी।”

मोदी-माक्रों वार्ता: यूक्रेन युद्ध पर शांति और स्थिरता की अपील
मोदी-माक्रों वार्ता: यूक्रेन युद्ध पर शांति और स्थिरता की अपील

मोदी की लगातार कोशिशें

प्रधानमंत्री मोदी शुरू से ही यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए संवाद और कूटनीति पर जोर देते रहे हैं। वे नियमित रूप से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से संपर्क में रहते हैं और युद्ध को खत्म करने की अपील करते रहे हैं।

दो दिन पहले ही यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन ने भी मोदी से बात की थी। उन्होंने कहा था कि भारत का रूस को युद्ध रोकने के लिए दबाव डालने में अहम योगदान हो सकता है। वॉन डेर लेयन ने यह भी जोड़ा कि हम भारत की जेलेंस्की के साथ निरंतर बातचीत का स्वागत करते हैं। भारत वैश्विक शांति स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।”

माक्रों की सक्रियता

यह बातचीत ऐसे समय हुई है जब फ्रांसीसी राष्ट्रपति माक्रों पेरिस में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से यूरोपीय नेताओं के साथ मुलाकात कर चुके हैं। ‘कोएलिशन ऑफ द विलिंग’ नामक इस बैठक में यूरोपीय देशों ने संभावित सैन्य सहयोग पर चर्चा की। हालांकि यह कदम तभी उठाया जाएगा जब अमेरिका भी इसमें समर्थन देगा। फिलहाल वाशिंगटन ने इस पर कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं दिखाई है।

मोदी-माक्रों वार्ता: यूक्रेन पर शांति का संदेश
मोदी-माक्रों वार्ता: यूक्रेन पर शांति का संदेश

उधर, रूस ने चेतावनी दी है कि किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को वह बर्दाश्त नहीं करेगा।

बार-बार संवाद की अहमियत

दिलचस्प बात यह है कि मोदी और माक्रों की यह एक महीने में दूसरी बातचीत है। 21 अगस्त को भी दोनों नेताओं ने फोन पर यूक्रेन युद्ध और गाजा में चल रहे इज़राइल-हमास संघर्ष पर चर्चा की थी।

भारत लगातार यह रुख दोहराता रहा है कि किसी भी संघर्ष का समाधान केवल बातचीत और शांतिपूर्ण उपायों से ही संभव है। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान भी मोदी ने पुतिन से मुलाकात में युद्धविराम और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया था।

स्पष्ट है कि भारत-फ्रांस साझेदारी न सिर्फ द्विपक्षीय सहयोग के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति बहाल करने में भी अहम साबित हो रही है।

 

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