नेपाल में सोशल मीडिया बैन से भड़का गुस्सा, पीएम ओली ने दिया इस्तीफा

Zen-Z के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शन हिंसक हुए, प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों और नेताओं के घरों में लगाई आग, नेपाल में आपात हालात।

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नेपाल में सोशल मीडिया बैन से हिंसा, पीएम ओली का इस्तीफा

नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुआ विरोध अब गंभीर संकट में बदल चुका है। मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया, वहीं हालात बेकाबू होने पर त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (TIA) भी बंद कर दिया गया।

मुख्य तथ्य

नेपाल इस समय अभूतपूर्व राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया, जब काठमांडू और आसपास के इलाकों में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया। यह विरोध खासतौर पर सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ था, जिसे सरकार ने हाल ही में वापस ले लिया था।

हालांकि, बैन हटने के बावजूद गुस्सा शांत नहीं हुआ और Gen-Z द्वारा नेतृत्व किए गए प्रदर्शनों ने लगातार दूसरे दिन राजधानी को जला डाला। प्रदर्शनकारियों ने ललितपुर के सानेपा इलाके में नेपाली कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय दफ्तर में आग लगा दी। यही नहीं, उन्होंने पीएम ओली के बालकोट स्थित आवास, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और गृह मंत्री रमेश लेखक के निवासों को भी निशाना बनाया।

स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि दोपहर 12:45 बजे से काठमांडू स्थित त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (TIA) से सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। हवाई अड्डा प्रबंधन ने बताया कि कोटेश्वर इलाके में धुएं के गुबार और सुरक्षा खतरे के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रोकनी पड़ीं। हवाई अड्डे को पूरी तरह बंद कर दिया गया है, amid अफवाहें कि वरिष्ठ मंत्री और यहां तक कि पीएम भी देश छोड़कर भागने की तैयारी कर रहे थे।

नेपाल में संसद पर युवाओं के धावा बोलने के बाद हालात गंभीर हो गए हैं।
नेपाल में संसद पर युवाओं के धावा बोलने के बाद हालात गंभीर हो गए हैं।

हिंसक प्रदर्शनों के चलते अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं। हालात को काबू में रखने के लिए काठमांडू जिला प्रशासन ने मंगलवार सुबह 8:30 बजे से कर्फ्यू लागू कर दिया है।

भारत सरकार ने भी नेपाल की बिगड़ती स्थिति पर बयान जारी करते हुए वहां रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। भारत-नेपाल सीमा पर 1,751 किलोमीटर लंबी बॉर्डर पर सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया गया है।

नेपाल में सोशल मीडिया बैन से शुरू हुआ यह विरोध अब भ्रष्टाचार, जवाबदेही और लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई में तब्दील हो गया है। राजनीतिक संकट गहराने के साथ ही पड़ोसी देशों में भी अस्थिरता की आशंका जताई जा रही है।

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