Nvidia के CEO जेंसन हुआंग (Jensen Huang) ने अमेरिका की चीन पर लगाई गई टेक प्रतिबंध नीतियों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पहले जहां Nvidia का चीन में 95% मार्केट शेयर था, अब वह “0%” पर पहुंच गया है। हुआंग ने चेतावनी दी कि ऐसी नीतियाँ अमेरिकी तकनीकी बढ़त को ही नुकसान पहुंचा रही हैं।
मुख्य तथ्य
- Nvidia का चीन में मार्केट शेयर 95% से घटकर 0% हो गया।
- Jensen Huang ने कहा, “जो नीतियाँ चीन को नुकसान पहुंचाती हैं, वे अमेरिका को भी चोट पहुँचाती हैं।”
- Nvidia के उन्नत AI चिप्स पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू हैं।
- चीनी कंपनियों को Nvidia चिप खरीदने से मना किया गया है।
- हुआंग ने कहा, “अमेरिका को चीन के साथ जुड़ाव बनाए रखना चाहिए।”
Nvidia के CEO जेंसन हुआंग (Jensen Huang) ने अमेरिका और चीन के बीच जारी टेक ट्रेड वॉर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की वर्तमान नीतियों ने Nvidia का चीन में पूरा बाजार खत्म कर दिया है। पहले जहां कंपनी का बाजार हिस्सा 95% था, अब वह “शून्य” पर पहुंच गया है।
हुआंग ने सिटाडेल सिक्योरिटीज़ के साथ एक इंटरव्यू में कहा, “मैं कल्पना नहीं कर सकता कि कोई भी नीति निर्माता इसे अच्छी नीति कहेगा — जिसने अमेरिका को दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक से बाहर कर दिया।” उन्होंने चेताया कि चीन को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों से अमेरिका को दीर्घकालिक तकनीकी हानि हो सकती है।
“जो चीन को नुकसान पहुंचाएगा, वह अमेरिका को भी चोट करेगा”
हुआंग ने कहा कि अमेरिका को अपनी नीतियों पर दोबारा विचार करना चाहिए। “किसी को नुकसान पहुँचाने से पहले हमें यह सोचना चाहिए कि क्या वह नीति वास्तव में अमेरिका के लिए फायदेमंद है,” उन्होंने कहा।
Nvidia के CEO ने यह भी याद दिलाया कि दुनिया के लगभग आधे AI शोधकर्ता चीन में हैं, और उन्हें अमेरिकी तकनीक से दूर करना एक रणनीतिक गलती होगी।
उन्होंने कहा, “यह गलत होगा कि ये शोधकर्ता अमेरिकी तकनीक पर काम न करें। हमें प्रतिस्पर्धा को रोकने की बजाय सहयोग का रास्ता चुनना चाहिए।”
अमेरिका-चीन टेक युद्ध की पृष्ठभूमि
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने 2022 में Nvidia के उन्नत AI चिप्स की चीन को बिक्री पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कंपनी ने एक संशोधित चिप डिजाइन की, जो प्रतिबंधों के भीतर रहकर चीन को बेची जा सके।
लेकिन रिपोर्टों के अनुसार, चीनी नियामकों ने घरेलू कंपनियों को उन Nvidia चिप्स को भी न खरीदने की सलाह दी, जो इन नए नियमों के अनुरूप तैयार की गई थीं।
इसी बीच, बीजिंग ने रेयर अर्थ मेटल्स (Rare Earths) के निर्यात पर भी सख्त सीमाएँ लगा दीं, जो उन्नत टेक्नोलॉजी में आवश्यक घटक हैं। जवाब में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी सामानों पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी।
Nvidia की उम्मीदें अभी भी बरकरार
हुआंग ने बताया कि फिलहाल Nvidia के सभी वित्तीय अनुमान चीन को शामिल किए बिना तैयार किए गए हैं, यानी कंपनी अपने भविष्य की योजनाओं में चीन से कोई आय नहीं मान रही है।
उन्होंने कहा, “अगर भविष्य में चीन से कुछ सकारात्मक होता है, तो वह बोनस जैसा होगा। चीन एक विशाल बाजार है — दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कंप्यूटर मार्केट। अमेरिका का इससे अलग रहना एक बड़ी गलती होगी।”
Nvidia CEO ने यह भी कहा कि अमेरिका को “संतुलित दृष्टिकोण (nuance)” अपनाने की जरूरत है, न कि “सब या कुछ नहीं” जैसी नीति। उनका मानना है कि संवाद और सहयोग के जरिए ही अमेरिका अपनी तकनीकी श्रेष्ठता बनाए रख सकता है।


