पुतिन ने मोदी को फोन कर ट्रंप संग अलास्का बैठक का अनुभव साझा किया

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पीएम मोदी ने कहा—भारत हमेशा यूक्रेन विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की अपील करता रहा है और हर सकारात्मक प्रयास का समर्थन करेगा।
मुख्य तथ्य

  • व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर अलास्का बैठक की जानकारी दी।
  • बैठक में पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग 3 घंटे तक बातचीत की।
  • यूक्रेन युद्ध पर सहमति नहीं बनी, लेकिन ट्रंप को मॉस्को आमंत्रण मिला।
  • पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा शांति और संवाद का पक्षधर रहा है।
  • ट्रंप आज यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे।


विस्तृत रिपोर्ट
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर अमेरिका के अलास्का में हुई अपनी हालिया बैठक के अनुभव साझा किए। यह बैठक 17 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई थी, जो करीब तीन घंटे चली। बैठक के बाद पुतिन ने न केवल मोदी बल्कि दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को भी जानकारी दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, मेरे मित्र, राष्ट्रपति पुतिन को फोन कॉल और राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी हालिया मुलाकात की जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद। भारत ने हमेशा यूक्रेन विवाद के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया है और इस संबंध में सभी प्रयासों का समर्थन करता है। मैं आने वाले दिनों में निरंतर संवाद की उम्मीद करता हूं।”

अलास्का बैठक में क्या हुआ?

अलास्का के एंकोरेज शहर में हुई इस बैठक में दोनों नेताओं की तीन-तीन सदस्यों की टीम मौजूद थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक बातचीत में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन यूक्रेन युद्ध को लेकर दोनों पक्ष किसी ठोस समझौते तक नहीं पहुंच सके। इसके बावजूद पुतिन ने ट्रंप को मॉस्को आने का निमंत्रण दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार कर लिया।

ट्रंप का बदला रुख

दिलचस्प बात यह रही कि बैठक से पहले ट्रंप यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की के पक्ष में बयान दे रहे थे। लेकिन पुतिन से मुलाकात के बाद उनके सुर बदल गए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि जेलेंस्की चाहें तो रूस के साथ युद्ध तुरंत खत्म कर सकते हैं या फिर इसे जारी रख सकते हैं। ट्रंप ने साफ कहा कि यूक्रेन को NATO में शामिल करना या क्रीमिया लौटाना संभव नहीं है।

जेलेंस्की के साथ मुलाकात

पुतिन से चर्चा के बाद ट्रंप ने यूरोपीय नेताओं और जेलेंस्की से भी बातचीत की। अब ट्रंप वॉशिंगटन में जेलेंस्की से मुलाकात करने जा रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में ट्रंप जेलेंस्की पर युद्ध समाप्त करने का दबाव डाल सकते हैं। हालांकि, इसी बीच जेलेंस्की ने रूस की ओर से गोलाबारी जारी रहने की भी जानकारी साझा की है।

भारत के लिए यह पूरी स्थिति अहम है क्योंकि वह हमेशा से संवाद और शांतिपूर्ण समाधान की वकालत करता रहा है। मोदी और पुतिन की बातचीत इस दिशा में एक और कूटनीतिक पहल के रूप में देखी जा रही है।

 

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