राजस्थान में भारी बारिश से तबाही, 11 की मौत, सैकड़ों लोगों का रेस्क्यू

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राजस्थान में भारी बारिश

भीलवाड़ा, बूंदी और सवाई माधोपुर सबसे ज्यादा प्रभावित; SDRF-आर्मी लगातार बचाव कार्य में जुटी।

मुख्य तथ्य

  • राजस्थान में बारिश संबंधी हादसों में कम से कम 11 लोगों की मौत।
  • 20 जिलों में स्कूल बंद, कई इलाकों में सड़कें और मकान क्षतिग्रस्त।
  • SDRF, NDRF और सेना ने बूंदी, सवाई माधोपुर और टोंक में सैकड़ों लोगों को बचाया।
  • जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने गुरुवार तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई।
  • कोटा और बूंदी में नेताओं ने हालात का जायजा लिया, राहत कार्य जारी।

राजस्थान में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बीते सप्ताहांत बारिश से जुड़े हादसों में कम से कम 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। राज्य के कई जिलों में मकान ढह गए, सड़कें बह गईं और नदियाँ-नाले उफान पर आ गए।

रविवार को जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने अजमेर, भीलवाड़ा, सीकर, सिरोही, जालौर, नागौर और पाली सहित कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया था, जबकि 18 जिलों को ‘येलो अलर्ट’ पर रखा गया। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि गुरुवार तक हालात सामान्य हो जाएंगे और सभी जिले ‘ग्रीन’ श्रेणी में आ जाएंगे। इस बीच, जयपुर समेत करीब 20 जिलों में स्कूलों को 1 से 3 दिन तक बंद रखने का आदेश दिया गया है।

अलग-अलग जिलों में दर्दनाक हादसे

नागौर में भारी बारिश से जर्जर मकान गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। झालावाड़ में एक कार नदी में बह गई, जिससे दो लोगों की जान गई, जबकि दो लोग अब भी लापता हैं। उदयपुर में चार बच्चे, जिनकी उम्र 10 से 14 साल के बीच थी, एक खदान में भरे पानी में डूब गए।

भीलवाड़ा के मांडलगढ़ क्षेत्र में 17 वर्षीय युवक का शव रविवार को बरामद हुआ, जो शुक्रवार को सेल्फी लेते समय बांध में फिसल गया था। बूंदी में भी दो महिलाओं की मौत हुई—एक बाढ़ में बह गई और दूसरी के घर की दीवार गिर गई।

सबसे ज्यादा प्रभावित जिले

कोटा, बूंदी और सवाई माधोपुर को सबसे अधिक प्रभावित बताया जा रहा है। सवाई माधोपुर में कई गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं। यहां तक कि SDRF का एक ट्रक भी पलट गया, जिसमें फंसे जवान को तुरंत बचा लिया गया। मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया।

कोटा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी राहत कार्यों का निरीक्षण किया। बूंदी में हालात इतने गंभीर हैं कि सेना को रेस्क्यू में लगाया गया है। यहां राज्य राजमार्ग को भी बारिश से काफी नुकसान पहुंचा है।

राहत और बचाव कार्य

SDRF और NDRF की टीमों ने बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर और नागौर में 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है। बूंदी के झलाजी का बारन में 31 लोगों को बचाया गया, वहीं शनिवार को रीहाना गांव से 103 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।

सवाई माधोपुर में 17 लोगों को धनोली गांव से बचाया गया, जबकि मलारना डूंगर में बाणास नदी के उफान में फंसे 20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। टोंक के सुरेली में तीन ग्रामीणों और 9 पशुओं को नाव से बचाया गया।

लगातार हो रही बारिश ने राज्य की सड़क व्यवस्था और ग्रामीण इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है। हालांकि, प्रशासन का दावा है कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।

 

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