दक्षिण सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्री रश्मिका मंदाना ने हाल ही में अभिनेता विजय देवरकोंडा संग अपनी दोस्ती को लेकर खुलकर बात की। दोनों की जोड़ी ऑनस्क्रीन और ऑफस्क्रीन, दोनों जगह चर्चा में रहती है। एक इंटरव्यू में रश्मिका ने बताया कि उनकी दोस्ती की सबसे बड़ी खूबी क्या है — और विजय में कौन-सी आदत उन्हें सबसे ज़्यादा खटकती है।
मुख्य तथ्य
- रश्मिका ने कहा कि दोनों की सोच एक जैसी है क्योंकि वे मिडल-क्लास परिवारों से आते हैं।
- उन्होंने बताया कि विजय “बहुत ज़्यादा सीरियस” हैं और “हमेशा काम में डूबे रहते हैं।”
- रश्मिका ने कहा कि विजय “हमेशा अपने फोन पर रहते हैं।”
- एक्सपर्ट्स के अनुसार, समान बैकग्राउंड रिश्तों में भावनात्मक जुड़ाव को मज़बूत बनाता है।
- रश्मिका ने कहा, “घर ही मेरा हैप्पी प्लेस है… शोहरत आती-जाती रहती है, पर घर हमेशा रहता है।”
अभिनेत्री रश्मिका मंदाना और अभिनेता विजय देवरकोंडा की दोस्ती हमेशा सुर्खियों में रहती है। हाल ही में, नेहा धूपिया संग एक बातचीत में रश्मिका ने विजय के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने कहा, “सबसे अच्छी बात यह है कि हम दोनों बहुत ही मिडल-क्लास बैकग्राउंड से हैं। हमारी सोच और नज़रिया काफी मिलता-जुलता है। इसलिए हमारे बीच चीज़ें बहुत आसान और वास्तविक रहती हैं।”
नेहा ने जब रश्मिका से पूछा कि “विजय की कौन-सी बात सबसे बुरी लगती है?”, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “वो हमेशा बहुत सीरियस रहते हैं। सिर्फ काम, काम और काम! वो एक रॉकेट की तरह हैं।” रश्मिका ने यह भी जोड़ा कि विजय “हर वक्त अपने फोन में बिजी रहते हैं।”
साझा सोच से बनता है गहरा रिश्ता
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ अरूबा कबीर, संस्थापक Enso Wellness, बताती हैं कि समान पृष्ठभूमि और मूल्यों वाले लोग अक्सर बेहतर जुड़ाव महसूस करते हैं। “जब लोगों के अनुभव और भावनाएं मिलती-जुलती हों, तो उनमें एक भावनात्मक सुरक्षा बनती है जो रिश्ते को गहराई देती है,” उन्होंने कहा।

उन्होंने यह भी समझाया कि किसी भी मजबूत दोस्ती या रिश्ते के लिए संवाद बहुत ज़रूरी है। “सुनना, बीच में टोकना नहीं, और बहस के दौरान अपनी आवाज़ ऊंची न करना — ये सब रिश्ते को मज़बूत बनाते हैं,” अरूबा ने बताया।
“घर है मेरा हैप्पी प्लेस”
हाल ही में, रश्मिका ने अपने हैप्पी प्लेस के बारे में भी बात की। द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “घर मेरा सबसे प्यारा स्थान है। यह मुझे ज़मीन से जोड़े रखता है। सफलता आती-जाती रहती है, लेकिन घर हमेशा मेरे साथ है। मैं अब दोनों दुनियाओं का मज़ा ले रही हूं — लेकिन अपनी निजी ज़िंदगी को हमेशा सुरक्षित रखूंगी।”
रश्मिका का यह नजरिया दिखाता है कि कैसे वे शोहरत और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखती हैं — एक ऐसी बात जिससे आज के डिजिटल दौर में कई लोग जुड़ाव महसूस कर सकते हैं।


