मुख्य तथ्य
- RCB की संभावित बिक्री को लेकर चर्चाएं तेज़।
- ललित मोदी ने कहा, टीम का वैल्यूएशन 2 बिलियन डॉलर से कम पर बेचना “स्टूपिड” होगा।
- RCB, IPL 2025 का चैंपियन और दूसरी सबसे महंगी खरीदी गई टीम है।
- मोदी के अनुसार हर साल फ्रेंचाइज़ी का मूल्य तेजी से बढ़ेगा।
- चिन्नास्वामी स्टेडियम स्टाम्पीड के बाद टीम की बिक्री पर अटकलें।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB), जो हाल ही में IPL 2025 की विजेता टीम बनी, अब अपने संभावित वैल्यूएशन और बिक्री को लेकर सुर्खियों में है। टीम की बिक्री को लेकर कई रिपोर्टें सामने आ रही हैं, खासकर बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई दर्दनाक स्टाम्पीड घटना के बाद, जिसमें 11 लोगों की जान गई थी। इसी बीच, इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के संस्थापक ललित मोदी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि RCB को 2 बिलियन डॉलर से कम में बेचना “बिलकुल बेवकूफी” होगी।
मोडी ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क के साथ Beyond23 Podcast में बातचीत के दौरान कहा,
“IPL अभी सिर्फ 18 साल पुरानी है। हमने अभी शुरुआत की है—फैन बेस और फ्रेंज़ी दोनों का। जो कुछ भी कर्नाटक में हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन अगर RCB बिकती है तो उसे 2 बिलियन डॉलर से कम पर बेचना समझदारी नहीं होगी। अगले साल इसका मूल्य 2.5 बिलियन होगा, दो साल बाद 3 बिलियन और चार साल बाद यह 4 बिलियन तक पहुंच जाएगा।”
याद दिला दें कि IPL की शुरुआत में RCB दूसरी सबसे महंगी टीम थी, जिसे 111.6 मिलियन डॉलर में खरीदा गया था। सबसे महंगी टीम उस समय मुंबई इंडियंस थी, जिसे रिलायंस ने अधिग्रहित किया था।
मोडी ने बातचीत में यह भी माना कि IPL से उनका नाता भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन आज भी वह हर मैच देखते हैं और इसे मिस करते हैं। उन्होंने कहा,
“मुझे इससे बाहर कर दिया गया, लेकिन IPL हमेशा मेरा हिस्सा रहेगा। ज़िंदगी में कुछ भी स्थायी नहीं होता। मैंने बहुत जलन और राजनीति देखी। मेरे परिवार और मेरी जान को खतरा था, इसलिए मुझे देश छोड़ना पड़ा।”
RCB की ब्रांड वैल्यू हमेशा से ही IPL में सबसे मज़बूत रही है। विराट कोहली जैसे सुपरस्टार की मौजूदगी और अब 2025 का खिताब जीतने के बाद इसकी फैन फॉलोइंग और भी बढ़ गई है। ऐसे में विशेषज्ञ भी मानते हैं कि आने वाले समय में टीम की कीमत तेजी से बढ़ेगी।
अब सवाल यही है कि क्या मौजूदा हालात में टीम के मालिक इसे बेचेंगे या नहीं। लेकिन ललित मोदी का यह बयान साफ करता है कि अगर बिक्री होती भी है तो यह डील किसी भी हाल में अरबों डॉलर के नीचे नहीं जाएगी।