विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 का पहला ही दिन भारतीय घरेलू क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हो गया। बिहार के साकिबुल गनी और झारखंड के ईशान किशन ने ऐसी पारियाँ खेलीं, जिन्होंने लिस्ट-ए क्रिकेट में सबसे तेज़ शतकों की परिभाषा ही बदल दी।
मुख्य तथ्य
- साकिबुल गनी ने 32 गेंदों में जड़ा सबसे तेज़ भारतीय लिस्ट-ए शतक
- ईशान किशन ने 33 गेंदों में शतक बनाकर दूसरा स्थान हासिल किया
- एक ही दिन भारत के 4 सबसे तेज़ लिस्ट-ए शतकों में से 3 बने
- मुकाबले अहमदाबाद और रांची में खेले गए
- बिहार ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 574 रन का विशाल स्कोर बनाया
विजय हजारे ट्रॉफी का ऐतिहासिक दिन
बुधवार को शुरू हुई विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 के पहले दिन ही क्रिकेट प्रेमियों को ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जो शायद ही कभी दोहराया जाए। बिहार के बल्लेबाज़ साकिबुल गनी ने पुरुष लिस्ट-ए क्रिकेट में किसी भारतीय द्वारा बनाया गया सबसे तेज़ शतक ठोक दिया। उन्होंने सिर्फ 32 गेंदों में अपने 100 रन पूरे कर इतिहास रच दिया।
कुछ ही मिनटों बाद झारखंड के स्टार बल्लेबाज़ ईशान किशन ने 33 गेंदों में शतक जड़कर दूसरा सबसे तेज़ भारतीय लिस्ट-ए शतक अपने नाम कर लिया। इस तरह एक ही दिन, दो अलग-अलग मैदानों पर, रिकॉर्ड्स की झड़ी लग गई।
साकिबुल गनी का तूफानी प्रदर्शन
रांची में खेले गए प्लेट लीग मुकाबले में बिहार ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ बल्लेबाज़ी का ऐसा तूफान खड़ा किया, जो घरेलू क्रिकेट में कम ही देखने को मिलता है। साकिबुल गनी ने महज़ 32 गेंदों में शतक पूरा किया और उनकी इस पारी ने भारत में लिस्ट-ए क्रिकेट के सारे पुराने मानक तोड़ दिए।
अब तक केवल दो बल्लेबाज़ ही लिस्ट-ए क्रिकेट में उनसे तेज़ शतक लगा पाए हैं — जैक फ्रेज़र-मैकगर्क और एबी डिविलियर्स। भारतीय संदर्भ में देखें तो साकिबुल गनी का यह कारनामा बिल्कुल ऐतिहासिक है। बिहार ने इस मैच में 574 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया, जिसने टूर्नामेंट की शुरुआत को ही सनसनीखेज बना दिया।
ईशान किशन की आक्रामक वापसी
साकिबुल गनी के रिकॉर्ड के कुछ ही देर बाद अहमदाबाद में ईशान किशन ने भी अपनी ताकत दिखा दी। कर्नाटक के खिलाफ झारखंड की ओर से खेलते हुए ईशान नंबर 6 पर बल्लेबाज़ी करने उतरे। उन्होंने सिर्फ 20 गेंदों में अर्धशतक पूरा किया और अगली 13 गेंदों में गेंदबाज़ों पर कहर बरपाते हुए शतक तक पहुँच गए।
ईशान किशन ने अपनी पारी में 7 चौके और 14 छक्के लगाए और 39 गेंदों में 125 रन बनाकर नाबाद लौटे। झारखंड ने इस मुकाबले में 8 विकेट पर 412 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। यह पारी इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि हाल ही में ईशान ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर अपनी टीम को खिताब जिताया था।
चयन से लेकर आत्मविश्वास तक की कहानी
ईशान किशन ने हाल ही में भारतीय टीम में चयन न होने को लेकर खुलकर बात की थी। उन्होंने कहा था कि जब चयन नहीं हुआ तो उन्हें बुरा लगा, लेकिन उन्होंने खुद से कहा कि अगर इतना करने के बाद भी मौका नहीं मिल रहा, तो उन्हें और बेहतर करना होगा और टीम को जिताना होगा।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने 517 रन बनाए, जिसमें फाइनल में लगाया गया शतक भी शामिल था। उस टूर्नामेंट में उनके नाम 33 छक्के थे, जो सबसे ज़्यादा रहे। विजय हजारे ट्रॉफी की यह पारी उसी निरंतरता का नतीजा मानी जा रही है।
एक दिन, कई रिकॉर्ड
इस दिन की सबसे खास बात यह रही कि पुरुष लिस्ट-ए क्रिकेट में भारत के चार सबसे तेज़ शतकों में से तीन एक ही दिन बन गए। इससे पहले वैभव सूर्यवंशी ने 36 गेंदों में शतक लगाते हुए 84 गेंदों में 190 रन की विस्फोटक पारी खेली थी।
यह दिन भारतीय घरेलू क्रिकेट की आक्रामक बल्लेबाज़ी की नई दिशा को दर्शाता है, जहां बल्लेबाज़ अब पहले से कहीं ज़्यादा निडर और आक्रामक नज़र आ रहे हैं।


