Salesforce के CEO और सह-संस्थापक मार्क बेनिओफ ने हाल ही में 4,000 कर्मचारियों की छंटनी की पुष्टि की। आश्चर्यजनक रूप से, उन्होंने इस बड़े बदलाव को कंपनी के लिए “सबसे रोमांचक विकास” करार दिया। वजह है Salesforce का तेज़ी से AI एजेंट्स की ओर रुख करना, जिसने ग्राहक सेवाओं का बड़ा हिस्सा संभाल लिया है।
मुख्य तथ्य
- Salesforce ने अपने सपोर्ट टीम को 9,000 से घटाकर 5,000 कर दिया।
- AI एजेंट्स अब कंपनी की आधी ग्राहक बातचीत संभाल रहे हैं।
- “Agentforce” प्रोडक्ट ने 100 मिलियन से अधिक अनकॉन्टैक्टेड लीड्स क्लियर कीं।
- कर्मचारियों की छंटनी को “रोमांचक” बताने पर बेनिओफ आलोचना के घेरे में।
- इंडस्ट्री में “एजेंटिक AI” को भविष्य के कार्यस्थल का नया चेहरा माना जा रहा है।
सिलिकॉन वैली की दिग्गज कंपनी Salesforce इन दिनों सुर्खियों में है। कंपनी ने हाल ही में लगभग 4,000 कर्मचारियों की छंटनी की है, जिनमें ज़्यादातर ग्राहक सेवा से जुड़े कर्मचारी थे। दिलचस्प बात यह है कि कंपनी के CEO और सह-संस्थापक मार्क बेनिओफ ने इस कदम को “कंपनी के लिए सबसे रोमांचक बदलाव” बताया है।
दरअसल, Salesforce ने अपने सपोर्ट ऑपरेशन्स का बड़ा हिस्सा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एजेंट्स को सौंप दिया है। कंपनी का दावा है कि इसके “Agentforce” प्रोडक्ट ने ग्राहक इंटरैक्शन का लगभग आधा काम संभाल लिया है। ये AI एजेंट न सिर्फ़ ग्राहक सवालों का जवाब देते हैं, बल्कि पुराने अधूरे लीड्स तक भी पहुंचते हैं। बेनिओफ ने बताया कि Salesforce ने 100 मिलियन से अधिक अनकॉन्टैक्टेड लीड्स को प्रोसेस किया है, जो पहले वर्षों से पेंडिंग थीं।
कंपनी की सपोर्ट टीम पहले 9,000 कर्मचारियों की थी, जिसे घटाकर अब करीब 5,000 कर दिया गया है। हालांकि कंपनी का कहना है कि कुछ प्रभावित कर्मचारियों को प्रोफेशनल सर्विसेज़, सेल्स और कस्टमर सक्सेस जैसे विभागों में स्थानांतरित किया गया है, लेकिन यह भी साफ है कि हज़ारों लोगों ने अपनी नौकरी खो दी।
बेनिओफ ने इस बदलाव को सेल्फ-ड्राइविंग कारों से तुलना करते हुए कहा कि AI साधारण बातचीत संभाल लेता है, लेकिन जटिल परिस्थितियों में इंसान की ज़रूरत बनी रहती है। Salesforce ने “ओमnichannel Supervisor” जैसी तकनीक भी लागू की है, जो तय करती है कि कब AI से बातचीत इंसान के पास ट्रांसफर हो।
फिर भी, आलोचक मानते हैं कि यह हाइब्रिड मॉडल दिखने में आकर्षक ज़रूर है, लेकिन ज़मीनी हकीकत बेरोज़गारी और अनिश्चितता की ओर इशारा करती है। कुछ ही महीने पहले बेनिओफ ने Fortune को दिए इंटरव्यू में कहा था कि “इंसानों की जगह कोई नहीं ले सकता,” लेकिन अब वही AI को “सबसे रोमांचक चीज़” बता रहे हैं।
टेक इंडस्ट्री में “एजेंटिक AI” को अगली बड़ी क्रांति के रूप में देखा जा रहा है। Nvidia के CEO जेंसन हुआंग ने भी कहा था कि AI नई नौकरियां पैदा करेगा। Microsoft के अधिकारियों ने इशारा किया है कि AI मैनेजमेंट लेयर्स को बदल देगा और पूरी ऑर्गनाइज़ेशनल स्ट्रक्चर पर असर डालेगा।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है: क्या AI वास्तव में मानव कार्यबल को सहयोग देगा या सीधे तौर पर उन्हें रिप्लेस कर देगा? Salesforce की छंटनी यह संकेत देती है कि टेक्नोलॉजी कंपनियां अब खुले तौर पर मान रही हैं कि AI इंसानों की नौकरियां खत्म कर सकता है।
बेनिओफ हमेशा से सामाजिक न्याय और “स्टेकहोल्डर कैपिटलिज़्म” के समर्थक रहे हैं। लेकिन इस बयान ने उनकी छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। निवेशकों के लिए यह संदेश सकारात्मक हो सकता है क्योंकि इससे कंपनी की कार्यक्षमता और लाभप्रदता बढ़ेगी। लेकिन कर्मचारियों के लिए यह बदलाव गहरी निराशा लेकर आया है।
भविष्य को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही है: जब AI और उन्नत होगा, तो क्या मानव कार्यबल की भूमिका और सीमित हो जाएगी? और क्या “मानव-केंद्रित नेतृत्व” का वादा सिर्फ़ एक कॉर्पोरेट नारा बनकर रह जाएगा?