अरबपति उद्यमी एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक अब भारत में अपने पैर जमाने की तैयारी में है। कंपनी ने मुंबई और बेंगलुरु में भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है और हाल ही में मुंबई में एक डेमो टेस्ट भी किया, जिससे नेटवर्क सुरक्षा और तकनीकी विश्वसनीयता का मूल्यांकन किया जा सके।
मुख्य तथ्य
- स्टारलिंक ने मुंबई में अपना पहला कार्यालय चांदीवली में किराए पर लिया।
- कंपनी बेंगलुरु में कई पदों पर भर्ती कर रही है, जिनमें फाइनेंस और अकाउंटिंग रोल शामिल हैं।
- मुंबई में तीन ग्राउंड स्टेशन स्थापित किए गए हैं।
- सैटेलाइट सेवा का डेमो टेस्ट हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों के सामने किया गया।
- भारत में स्टारलिंक की टक्कर अमेजन, जियो सैटेलाइट और यूटेलसैट वनवेब से होगी।
भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड रेस तेज हो गई है, और अब एलन मस्क की स्टारलिंक ने भी अपनी उपस्थिति को औपचारिक रूप से मजबूत करना शुरू कर दिया है। कंपनी ने हाल ही में मुंबई में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष एक डेमो टेस्ट आयोजित किया, जो सुरक्षा प्रणाली और नेटवर्क वैधता की जांच के उद्देश्य से किया गया था। यह कदम भारत में स्पेक्ट्रम आवंटन से पहले के अंतिम चरणों में से एक माना जा रहा है।
भारत में तेज़ी से बढ़ते सैटेलाइट इंटरनेट की तैयारी
स्टारलिंक भारत में जल्द ही अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इस सेवा का उद्देश्य है — दूरदराज के इलाकों तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाना, जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड कंपनियां आज भी पहुंच नहीं बना पाई हैं।
कंपनी ने भारत के प्रमुख शहरों में आधारभूत संरचना खड़ी करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुंबई के चांदीवली इलाके में उसका पहला कार्यालय किराए पर लिया गया है, जिसका मासिक किराया करीब ₹3.52 लाख बताया जा रहा है।

बेंगलुरु में भर्ती अभियान शुरू
SpaceX के आधिकारिक करियर पेज के मुताबिक, स्टारलिंक ने बेंगलुरु में कई महत्वपूर्ण पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। इनमें पेमेंट मैनेजर, अकाउंट मैनेजर, सीनियर ट्रेजरी एनालिस्ट और टैक्स मैनेजर जैसे पद शामिल हैं।
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि वह केवल स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देगी और किसी प्रकार का रिमोट या हाइब्रिड कार्य विकल्प नहीं होगा। इसका उद्देश्य है कि भारत में कंपनी की वित्तीय और अनुपालन प्रणाली को मजबूत किया जा सके।
ग्राउंड स्टेशन और नेटवर्क विस्तार की तैयारी
स्पेस-एक्स ने भारत में अपना नेटवर्क मजबूत करने के लिए मुंबई में तीन ग्राउंड स्टेशन तैयार किए हैं। ये स्टेशन देशभर में होने वाले डेटा ट्रांसमिशन का मुख्य केंद्र होंगे।
कंपनी की योजना चेन्नई, नोएडा, लखनऊ, कोलकाता और चंडीगढ़ जैसे प्रमुख शहरों में और गेटवे स्टेशन स्थापित करने की भी है। इससे स्टारलिंक भारत के विभिन्न हिस्सों में अपने सिग्नल और सेवा कवरेज को बढ़ा सकेगी।
अमेजन और जियो से सीधी टक्कर
भारत में स्टारलिंक की एंट्री के साथ ही सैटेलाइट इंटरनेट बाजार में प्रतिस्पर्धा तेज होने वाली है। स्टारलिंक को जियो सैटेलाइट, यूटेलसैट वनवेब और अमेजन के प्रोजेक्ट कुइपर से सीधी चुनौती मिलेगी।
अमेजन ने भी हाल ही में भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए कई पदों पर भर्ती शुरू की है। वहीं, सरकार के विभाग जैसे TRAI और दूरसंचार मंत्रालय सैटेलाइट ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम के मूल्य और नीतिगत ढांचे पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी का नया अध्याय
स्टारलिंक की एंट्री भारत के डिजिटल इंडिया मिशन के लिए एक बड़ा कदम मानी जा रही है। कंपनी का लक्ष्य न केवल शहरों में, बल्कि ग्रामीण इलाकों तक भी इंटरनेट पहुंचाने का है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि सरकार जल्द स्पेक्ट्रम आवंटन को अंतिम रूप दे देती है, तो स्टारलिंक की सेवाएं 2026 की शुरुआत तक भारत में आधिकारिक रूप से शुरू हो सकती हैं।


