मुख्य तथ्य
- ट्रंप-पुतिन 15 अगस्त को अलास्का में मिलेंगे, जेलेंस्की को भी बुलाने की संभावना।
- ट्रंप ने कहा, भारत पर टैरिफ लगाने से रूस की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका।
- नई दिल्ली, मॉस्को का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार।
- ट्रंप ने फिर दोहराई भारत-पाकिस्तान संघर्ष सुलझाने की बात।
- रूस से सामान्य व्यापार बहाली के लिए युद्ध समाप्ति की शर्त रखी।
विस्तृत रिपोर्ट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से होने वाली ऐतिहासिक मुलाकात से ठीक पहले रूस और भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने दावा किया कि रूस की अर्थव्यवस्था पहले से ही कमजोर है और भारत पर टैरिफ लगाने के कदम से मॉस्को को “बड़ा झटका” लगा है।
ट्रंप ने कहा कि भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार है, और जब अमेरिका अपने प्रमुख खरीदार से यह कहता है कि “अगर आप रूस से तेल खरीदते हैं, तो हम आप पर 50% टैरिफ लगाएंगे”, तो यह किसी भी साझेदार के लिए भारी असर डालने वाला कदम होता है।
रूस को निर्माण पर ध्यान देना चाहिए
ट्रंप ने सुझाव दिया कि रूस को युद्ध के बजाय अपने देश के विकास पर फोकस करना चाहिए। उन्होंने कहा,
“रूस एक विशाल देश है, जिसमें सफलता की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन मौजूदा हालात में उनकी अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही। अगर युद्ध खत्म होता है, तो अमेरिका-रूस के बीच सामान्य व्यापार फिर शुरू हो सकता है।”
भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर फिर बयान
ट्रंप ने इस मौके पर एक बार फिर दावा किया कि उनके कार्यकाल में अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष को खत्म कराने में मदद की थी। उन्होंने कहा कि अजरबैजान-आर्मेनिया विवाद जैसे कई जटिल मुद्दों का समाधान भी उनके नेतृत्व में हुआ।
15 अगस्त की अहम बैठक
ट्रंप और पुतिन के बीच मुलाकात 15 अगस्त को अलास्का में होगी, जहां यूक्रेन युद्ध पर शांति वार्ता मुख्य एजेंडा होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की को भी इस बैठक में शामिल करने पर विचार चल रहा है। हालांकि, उनकी यात्रा को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।