शांति समझौते पर बनेगा रास्ता तो ट्रंप से 100 अरब डॉलर का हथियार सौदा करेगा यूक्रेन

newsdaynight
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यूक्रेन ने अमेरिका से बड़े रक्षा पैकेज और ड्रोन उत्पादन समझौते का प्रस्ताव रखा है।
मुख्य तथ्य

  • यूक्रेन ने अमेरिका को 100 अरब डॉलर (50 लाख करोड़ रुपये) का रक्षा पैकेज प्रस्तावित किया।
  • सौदे का वित्तपोषण यूरोप करेगा, पैकेज में आधुनिक हथियार शामिल होंगे।
  • 50 अरब डॉलर (75 लाख करोड़ रुपये) का ड्रोन उत्पादन समझौता भी प्रस्तावित।
  • यूक्रेन चाहता है 10 पैट्रियट वायु रक्षा प्रणालियां और मिसाइलें।
  • कीव ने पुतिन का सीमावर्ती क्षेत्रों से सैनिक हटाने वाला प्रस्ताव खारिज किया।


यूक्रेन और रूस के बीच लंबे समय से जारी युद्ध अब एक नई दिशा की ओर बढ़ सकता है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते पर सहमति बनती है तो राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की अमेरिका के साथ अब तक का सबसे बड़ा रक्षा सौदा करेंगे। इस सौदे की कीमत करीब 100 अरब डॉलर (83.50 लाख करोड़ रुपये) होगी और इसे यूरोपीय सहयोगियों द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा।

अमेरिका संग बड़ा रक्षा सौदा

रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन ने यह प्रस्ताव अमेरिका के साथ साझा किया है। प्रस्ताव में यह भी शामिल है कि वाशिंगटन यूक्रेनी कंपनियों के साथ मिलकर 50 अरब डॉलर (41.75 लाख करोड़ रुपये) का ड्रोन उत्पादन समझौता करेगा। कीव का मानना है कि यह योजना उसके घरेलू रक्षा उद्योग को नई ताकत देगी।

व्हाइट हाउस में हुई बैठक के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जेलेंस्की को भरोसा दिलाया कि अमेरिका किसी भी संभावित शांति समझौते के तहत यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा।

किन हथियारों की है मांग?

हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि सौदे के तहत यूक्रेन कौन-कौन से हथियार खरीदेगा, लेकिन रिपोर्ट बताती है कि कीव ने अपने शहरों और अहम ढांचों की सुरक्षा के लिए 10 अमेरिकी निर्मित पैट्रियट वायु रक्षा प्रणालियों, मिसाइलों और अन्य सैन्य उपकरणों की मांग की है। ड्रोन सौदे में कितनी खरीदारी होगी, इसकी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।

पुतिन का प्रस्ताव ठुकराया

गौरतलब है कि अलास्का में हालिया बैठक के दौरान पुतिन ने ट्रंप के सामने एक प्रस्ताव रखा था। इसमें सुझाव दिया गया था कि अगर यूक्रेन अपने सैनिकों को डोनेट्स्क और लुहान्स्क के कुछ हिस्सों से हटा लेता है, तो शेष सीमावर्ती क्षेत्रों को स्थिर किया जा सकता है। लेकिन कीव ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। यूक्रेन का तर्क है कि ऐसा करने से रूसी सेना आसानी से नीपर शहर की ओर बढ़कर हमला कर सकती है।

भविष्य की राह

यूक्रेन का यह प्रस्ताव बताता है कि कीव अब सिर्फ युद्धक्षेत्र में नहीं, बल्कि कूटनीतिक और रक्षा सहयोग के मोर्चे पर भी बड़ी तैयारी कर रहा है। यदि यह सौदा आगे बढ़ता है तो यह न सिर्फ यूक्रेन की सैन्य शक्ति को बढ़ाएगा, बल्कि रूस के साथ संभावित शांति समझौते की दिशा में भी एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।

 

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