अमेरिकी अदालत ने ट्रंप के ‘रिक्रिप्रोकल टैरिफ’ को अवैध ठहराया

newsdaynight
4 Min Read
अमेरिकी अदालत ने ट्रंप टैरिफ को अवैध ठहराया

फेडरल सर्किट कोर्ट ने कहा– IEEPA कानून के तहत टैरिफ का आधार मान्य नहीं

मुख्य तथ्य

  • फेडरल अपील्स कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के अधिकांश रिक्रिप्रोकल टैरिफ को गैरकानूनी ठहराया।
  • अदालत ने कहा कि IEEPA कानून के तहत इन टैरिफ का आधार वैध नहीं है।
  • 7-4 के फैसले में कोर्ट ने 14 अक्टूबर तक अमल टालते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील का समय दिया।
  • फैसले से सेक्टोरल टैरिफ (जैसे स्टील और एल्युमिनियम) प्रभावित नहीं होंगे।
  • यदि फैसला बरकरार रहा तो आयातकों को सरकार से टैरिफ रिफंड मांगने का रास्ता खुल सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड वॉर (Trade War) को बड़ा झटका लगा है। यू.एस. कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट ने शुक्रवार को अपने फैसले में ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए तथाकथित रिक्रिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariffs) को अवैध करार दिया। अदालत ने साफ कहा कि इन टैरिफ का कानूनी आधार इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) मान्य नहीं है।

अदालत का कड़ा रुख

कोर्ट के बहुमत फैसले में कहा गया, ये टैरिफ सीमा, राशि और अवधि सभी मामलों में असीमित हैं। लगभग सभी देशों और वस्तुओं पर लागू होते हैं और अमेरिकी टैरिफ प्रणाली से कहीं अधिक दरें तय करते हैं। इनकी अवधि भी स्पष्ट नहीं है।”

हालांकि, यह फैसला 14 अक्टूबर से लागू होगा, ताकि ट्रंप प्रशासन के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का समय रहे। महत्वपूर्ण बात यह है कि स्टील और एल्युमिनियम जैसे सेक्टोरल टैरिफ इस फैसले के दायरे में नहीं आएंगे क्योंकि वे अलग कानूनी आधार पर लगाए गए थे।

ट्रंप की प्रतिक्रिया

फैसले के बाद पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने Truth Social पर लिखा, सभी टैरिफ अभी भी लागू हैं! यह फैसला पक्षपातपूर्ण है और अमेरिका अंत में जीतेगा।”
लेकिन हकीकत यह है कि यह ट्रंप प्रशासन की अदालत में तीसरी हार है। इससे पहले कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड और एक फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट भी इन टैरिफ को अवैध ठहरा चुके हैं।

आर्थिक असर और टैरिफ से मिली आय

ट्रंप के टैरिफ से सरकार को सालाना 300 से 400 अरब डॉलर तक की अतिरिक्त आय हो रही थी। कांग्रेसनल बजट ऑफिस (CBO) के अनुसार, इनसे बजट घाटा घटने की संभावना थी। यही वजह है कि S&P Global ने हाल ही में अमेरिकी कर्ज की रेटिंग AA+ के साथ स्थिर बनाए रखी, जिसमें टैरिफ से होने वाली आय को अहम आधार माना गया।

लेकिन यदि यह फैसला सब पर लागू होता है, तो आयातक जो IEEPA के तहत टैरिफ चुका चुके हैं, वे सरकार से रिफंड मांग सकते हैं। ऐसे में अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर अरबों डॉलर का अतिरिक्त बोझ आ सकता है।

विशेषज्ञों की राय

कैपिटल अल्फा पार्टनर्स के जेम्स लूसियर ने कहा कि ट्रंप इन टैरिफ को किसी अन्य कानून के तहत दोहरा नहीं सकते। उन्होंने चेतावनी दी कि फैसले के बाद वैश्विक व्यापार में लंबे समय तक अनिश्चितता बनी रह सकती है और अमेरिका के सहयोगी देश भी दोबारा वैसा सहयोग करने से हिचक सकते हैं।

SOURCES:Fortune
Share This Article
1 Comment