अमेरिका में बेरोजगारी से जूझ रही Gen Z: पुरुषों की हालत महिलाओं से ज्यादा खराब

newsdaynight
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अमेरिका में Gen Z बेरोजगारी: पुरुष पिछड़े

AI और ऑटोमेशन से प्रभावित नौकरियों में पुरुष पिछड़ रहे हैं, जबकि महिलाएं हेल्थकेयर जैसे सुरक्षित सेक्टर में बढ़त बनाए हुए हैं।


मुख्य तथ्य

  • 20–24 वर्ष के अमेरिकी पुरुषों की बेरोजगारी दर 1%, महिलाओं की सिर्फ 7.2%
  • हेल्थकेयर सेक्टर में नौकरियां 162% बढ़ीं, AI से प्रभावित टेक जॉब्स में गिरावट
  • 2022 में अमेरिका में करीब 3 मिलियन Gen Z युवा NEETs (न नौकरी, न पढ़ाई, न ट्रेनिंग)
  • कॉलेज डिग्री का महत्व घटा, डिग्रीधारी और नॉन-डिग्री युवाओं की बेरोजगारी दर लगभग समान
  • ब्लू-कॉलर जॉब्स (प्लंबिंग, इलेक्ट्रिशियन) युवाओं के लिए नई राह बन रही हैं

अमेरिका में Gen Z युवाओं की बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है, और इस चुनौती का सबसे बड़ा बोझ पुरुषों पर पड़ता दिख रहा है। लेबर स्टैटिस्टिक्स के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 20 से 24 वर्ष की उम्र के 9.1% पुरुष वर्तमान में बेरोजगार हैं, जबकि महिलाओं में यह दर सिर्फ 7.2% है। महामारी के बाद से यह अंतर लगातार बना हुआ है।

जहां महिलाएं तेजी से उन सेक्टरों की ओर बढ़ रही हैं जिन्हें AI और ऑटोमेशन से खतरा कम है, वहीं पुरुष अब भी तकनीक और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसी नौकरियों के पीछे भाग रहे हैं, जो धीरे-धीरे मशीनों और एल्गोरिद्म के हाथों छिन रही हैं।

महामारी के बाद बदली तस्वीर

2020 की तीसरी तिमाही तक, पुरुषों की बेरोजगारी दर महिलाओं से कम थी। लेकिन कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान स्थिति उलट गई। तब से अब तक, महिलाएं लगातार पुरुषों से 0.6% से 2.5% ज्यादा रोजगार हासिल करती रही हैं।

हेल्थकेयर बना ‘सेफ जोन’

विशेषज्ञ मानते हैं कि हेल्थकेयर सेक्टर ने महिलाओं को बढ़त दिलाई है। नर्सिंग, डॉक्टर और होम हेल्थ केयर जैसी नौकरियों की मांग महामारी के बाद से 162% तक बढ़ गई है। चिकित्सकों और सर्जनों की नौकरियों में भी 90% की वृद्धि दर्ज की गई है।

इसके विपरीत, कंप्यूटर प्रोग्रामर की नौकरियां 1980 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। एक कारण यह भी है कि सर्जरी उपकरणों की सफाई या मरीजों की देखभाल जैसे कामों को AI कभी पूरी तरह नहीं संभाल सकता, जबकि कोडिंग और डेटा एनालिसिस जैसे काम अब आसानी से ऑटोमेशन से किए जा सकते हैं।

डिग्री का महत्व घटा

चिंताजनक बात यह है कि अब कॉलेज डिग्री भी नौकरी की गारंटी नहीं दे रही। हालिया आंकड़ों में कॉलेज डिग्रीधारी और बिना डिग्री वाले युवाओं की बेरोजगारी दर लगभग समान रही है। यही वजह है कि लाखों युवा अब ब्लू-कॉलर जॉब्स जैसे इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर या तकनीकी कामों की ओर रुख कर रहे हैं। इन कामों में अच्छी सैलरी और स्थायी रोजगार दोनों की संभावना रहती है।

NEETs की बढ़ती संख्या

अमेरिका में Gen Z का बड़ा हिस्सा NEETs (Not in Employment, Education or Training) बन चुका है। 2022 में यह संख्या लगभग 4.3 मिलियन तक पहुंच गई। यह समस्या वैश्विक भी है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय लेबर संगठन के अनुसार, दुनिया भर में 15–24 वर्ष की आयु के हर पांच में से एक युवा इसी श्रेणी में आता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दशक में अमेरिका की वृद्ध होती आबादी हेल्थकेयर में नई नौकरियों की बाढ़ लाएगी। अनुमान है कि हर साल लगभग 19 लाख नई नौकरियां सिर्फ हेल्थकेयर सेक्टर में पैदा होंगी।

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