अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार, 5 सितंबर को एक कार्यकारी आदेश जारी करते हुए कई प्रमुख खनिजों और दवाओं पर पारस्परिक टैरिफ (reciprocal tariffs) हटाने का ऐलान किया। यह बदलाव सोमवार से प्रभावी होगा और अमेरिकी व्यापारिक संतुलन व राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
मुख्य तथ्य
- अमेरिका ने ग्रेफाइट, टंग्स्टन, यूरेनियम और गोल्ड बुलियन जैसे खनिजों पर टैरिफ हटाए।
- कई फार्मास्युटिकल उत्पाद जैसे एंटीबायोटिक्स और स्यूडोएफ़ेड्रिन को भी राहत मिली।
- सिलिकॉन उत्पादों, रेज़िन और एल्यूमिनियम हाइड्रॉक्साइड पर अब भी टैरिफ लागू रहेगा।
- यह आदेश राष्ट्रपति ट्रम्प की वैश्विक व्यापार नीतियों और सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है।
- टैरिफ में बदलाव से अमेरिकी बाजारों में आपूर्ति और लागत पर असर पड़ने की संभावना।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार, 5 सितंबर को एक नया कार्यकारी आदेश (Executive Order) साइन किया है, जिसके तहत कई प्रमुख खनिज और दवाएं अब पारस्परिक टैरिफ (reciprocal tariffs) से मुक्त होंगी। यह आदेश सोमवार से लागू होगा और माना जा रहा है कि इससे अमेरिकी उद्योगों को राहत मिलेगी तथा वैश्विक व्यापार संतुलन पर भी असर होगा।
किन खनिजों और दवाओं को मिली राहत?
व्हाइट हाउस की जानकारी के अनुसार, ग्रेफाइट, टंग्स्टन, यूरेनियम और गोल्ड बुलियन जैसे महत्वपूर्ण खनिजों को अब टैरिफ से छूट दी गई है। ये खनिज अमेरिकी एयरोस्पेस, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइस और अन्य उन्नत तकनीकों के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं।
इसके अलावा, स्यूडोएफ़ेड्रिन, एंटीबायोटिक्स और अन्य जेनेरिक दवाएं—जो पहले से ही वाणिज्य विभाग की जांच के दायरे में थीं—को भी नई राहत प्रदान की गई है। यह कदम अमेरिकी दवा उद्योग को उत्पादन लागत में कमी और आपूर्ति श्रृंखला में स्थिरता दिला सकता है।
किन उत्पादों पर टैरिफ लागू रहेगा?
हालांकि कुछ प्रमुख खनिज और दवाओं को छूट दी गई है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रम्प ने स्पष्ट किया है कि सिलिकॉन उत्पाद, रेज़िन और एल्यूमिनियम हाइड्रॉक्साइड पर पारस्परिक टैरिफ जारी रहेगा। इन उत्पादों को अमेरिकी व्यापारिक सुरक्षा के लिए संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
ट्रम्प प्रशासन लंबे समय से वैश्विक व्यापार असंतुलन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बता रहा है। राष्ट्रपति का मानना है कि विदेशी देशों द्वारा लगाए गए टैरिफ अमेरिकी उद्योगों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसी कारण से, वे “reciprocal tariffs” की नीति अपना रहे हैं, जिसके तहत अमेरिका भी उन्हीं उत्पादों पर टैक्स लगाता है जिन पर उसके व्यापारिक साझेदार शुल्क लगाते हैं।
हाल के महीनों में ट्रम्प प्रशासन ने कई देशों के साथ समझौते किए, जिनमें अमेरिकी सामान पर से टैरिफ हटाने की शर्त पर अमेरिका ने भी अपने शुल्क कम किए। लेकिन, इस नीति से महत्वपूर्ण कच्चे माल और दवाओं की आपूर्ति बाधित होने और घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ने की आशंका भी जताई गई है।
आगे का असर
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से अमेरिकी उद्योगों को जरूरी खनिज और दवाएं सस्ती और आसानी से उपलब्ध होंगी। हालांकि, सिलिकॉन और रेज़िन पर जारी टैरिफ से कुछ क्षेत्रों में लागत बढ़ सकती है। कुल मिलाकर, यह आदेश अमेरिकी व्यापार नीतियों और सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है, जो आने वाले महीनों में वैश्विक बाजारों को प्रभावित कर सकता है।