विजय हजारे ट्रॉफी में जब बड़े नाम उतरते हैं, तो सुर्खियाँ तय होती हैं। लेकिन इस बार चर्चा का केंद्र एक 14 साल का खिलाड़ी रहा, जिसने एक ही पारी में भारतीय घरेलू क्रिकेट की सोच बदल दी। अब वही खिलाड़ी अचानक टूर्नामेंट से बाहर है। सवाल है—ऐसा क्यों हुआ और इसका आगे क्या मतलब है?
मुख्य तथ्य
- वैभव सूर्यवंशी बिहार टीम से विजय हजारे ट्रॉफी खेल रहे थे
- अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ उन्होंने 190 रन की ऐतिहासिक पारी खेली
- मणिपुर के खिलाफ मैच में वह टीम का हिस्सा नहीं थे
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार समारोह के लिए दिल्ली गए
- इसके बाद वह अंडर-19 वर्ल्ड कप कैंप से जुड़ेंगे
क्या हुआ और क्यों नहीं खेले अगला मैच
विजय हजारे ट्रॉफी के पहले ही मुकाबले में वैभव सूर्यवंशी ने ऐसी पारी खेली कि पूरा क्रिकेट जगत चौंक गया। लेकिन जब बिहार की टीम मणिपुर के खिलाफ मैदान पर उतरी, तो वैभव प्लेइंग इलेवन में नहीं थे। इसकी वजह कोई चोट या खराब फॉर्म नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय सम्मान था। वैभव दिल्ली रवाना हो गए, जहां उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाना है।
दिल्ली जाना क्यों जरूरी था
वैभव को यह सम्मान उनकी असाधारण खेल उपलब्धियों और कम उम्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए दिया जा रहा है। उनके बचपन के कोच मनीष ओझा के मुताबिक, वैभव को सुबह 7 बजे रिपोर्ट करना था, इसलिए वह मैच से पहले ही दिल्ली के लिए निकल गए। यह सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि युवा खेल प्रतिभाओं के लिए एक बड़ा संदेश भी है।
Congratulations to our explosive young batter, Vaibhav Sooryavanshi, on being conferred the Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar by the Honourable President of India, Smt. Droupadi Murmuji.@rashtrapatibhvn pic.twitter.com/icMEcKK9Zu
— BCCI (@BCCI) December 26, 2025
अब पूरा टूर्नामेंट क्यों मिस करेंगे
मणिपुर के खिलाफ मैच के बाद भी वैभव की वापसी संभव नहीं है। वजह है अंडर-19 वर्ल्ड कप की तैयारी। टूर्नामेंट 15 जनवरी से जिम्बाब्वे में शुरू हो रहा है और उससे पहले भारतीय टीम का तैयारी कैंप बेहद अहम माना जा रहा है। टीम मैनेजमेंट चाहता है कि वैभव बाकी खिलाड़ियों के साथ तालमेल बिठाएं और लंबे फॉर्मेट की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करें।
रिकॉर्ड पारी का महत्व
अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ वैभव सूर्यवंशी ने सिर्फ शतक नहीं लगाया, बल्कि 84 गेंदों में 190 रन ठोक दिए। उन्होंने 54 गेंदों में 150 रन पूरे कर लिस्ट-ए क्रिकेट का नया रिकॉर्ड बना दिया, जो पहले एबी डिविलियर्स के नाम था। यह पारी दिखाती है कि वैभव सिर्फ उम्र के कारण चर्चा में नहीं हैं, बल्कि उनके खेल का स्तर असाधारण है।
निष्कर्ष
वैभव सूर्यवंशी का विजय हजारे ट्रॉफी से बाहर होना किसी निराशा की खबर नहीं, बल्कि उनके करियर की अगली सीढ़ी का संकेत है। राष्ट्रीय सम्मान और अंडर-19 वर्ल्ड कप—दोनों मिलकर यह साफ करते हैं कि भारत इस युवा खिलाड़ी को लंबी रेस का घोड़ा मान रहा है। अब असली परीक्षा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी, जहां उनसे संयम और निरंतरता की उम्मीद की जाएगी।
Q&A सेक्शन
Q1: क्या वैभव सूर्यवंशी को बाहर किया गया है?
नहीं, उन्हें बाहर नहीं किया गया। राष्ट्रीय सम्मान समारोह और अंडर-19 वर्ल्ड कप की तैयारी के कारण उन्होंने टूर्नामेंट छोड़ा है।
Q2: क्या यह फैसला उनके करियर के लिए सही है?
हां, क्योंकि अंडर-19 वर्ल्ड कप जैसे मंच पर प्रदर्शन करना उनके विकास और भविष्य के लिए ज्यादा अहम माना जा रहा है।


